Monday, May 9, 2011

हम जैसे तनहा लोगो का अब रोना क्या मुस्काना क्या,
जब चाहने वाला कोई नहीं तो जीना क्या मर जाना क्या ______________________________________

अवाज किसी को दे लेकिन एक नाम तुम्हारा होठों पर,
हर शक्ल में उभरो तुम ही तुम, अब ऐसे जी बहलाना क्या.........

देख नई दुनिया की राहें बाहें खोल पुकारें,
नई सुबह का सूरज होगा होंगे नए सितारे........

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