Monday, November 29, 2010

इस दिन को ढल जाने दे ,
इस चाँद को निकल जाने दे !
हम तुमसे मिलने जरूर आयेंगे ,
जरा ये मौसम बदल जाने दे !!

हर दाग,दाग नहीं होता,
हर दोस्त वफादार नहीं होता .
वो तो बस दिल मिलने की बात है ,
नहीं तो शादी के 7 फेरों मैं भी प्यार नहीं होता .

दिल की जुबां वो समज नहीं पते ,
लव से हम कुछ कहे नहीं पते ,
अपनी बेबसी हम किस तरह कहे ,
कोई है जिसके बिना हम रह नहीं पते .

कांच का तोहफा न देना कभी रूठ के
लोग तोड़ दिया करते है
जो बहुत ज्यादा अच्छे हो उनसे प्यार न करना
अक्सर अच्छे लोग ही दिल तोड़ दिया करते है

नहीं है मुमकिन जीना तेरे बिन
तुझ बिन मर जाने से दर लगता है
किसे है फिकर दुनिया की ज़माने की
तेरे मुकर जाने से दर लगता है

No comments:

Post a Comment